केंद्र सरकार से बातचीत के बीच किसानों ने आज दिल्ली कूच का आह्वान किया है। किसानों का दिल्ली कूच करने की घोषणा के तहत संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता और सदस्य मंगलवार सुबह से ही शंभू और खनौरी बॉर्डर पर रणनीति बनाने में जुट गए।
इसके तहत किसान कंक्रीट व भारी-भरकम बैरिकेड तोड़ने के लिए बख्तरबंद भारी मशीनरी लेकर किसान शंभू बॉर्डर पर पहुंचे हैं। बता दें एसकेएम के नेतृत्व में 22 फरवरी को किसानों का 500 संगठन दिल्ली में अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए मंथन करेंगे।
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर कहा कि एमएसपी की मांग को लेकर उन्होंने अपनी एक लीगल टीम भी गठित कर ली है। इस टीम में एडवोकेट अखिल चौधरी को को-ऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है। टीम में एडवोकेट पंकज श्योराण, अदिति श्योराण, वर्तिका त्रिपाठी, मोहित तोमर और कपिल कुहाड़ शामिल हैं।
किसानों ने नियमों के विपरीत भारी मशीनों को मोडिफाई कर बख्तरबंद जैसा बना दिया है। इन्हें लोहे की छड़ों से कवर कर दिया गया है। देखने के लिए केवल एक खिड़की के तौर पर जगह रखी है। इसके अतिरिक्त इनको पूरी तरह से सील किया है, ताकि आंसू गैस के गोले गिरने पर किसी तरह से गैस इनके अंदर दाखिल न हो।
शंभू पर जुटे नौजवानों के पास आंसू गैस के गोलों से बचाव के लिए मास्क हैं। मिट्टी से भरे प्लास्टिक के थैले भी इकट्ठा कर लिए गए हैं। किसानों का कहना है कि वैसे तो वह भारी मशीनरी के जरिये सीमेंट से तैयार की भारी बैरीकेडिंग तोड़ लेंगे, लेकिन अगर फिर भी जरूरत पड़ी, तो नदी में इन मिट्टी के थैलों को डाल कर एक अस्थायी पुल बनाने का भी प्लान बी तैयार है, ताकि किसी भी हालत में दिल्ली कूच के कार्यक्रम में किसी तरह की कोई बाधा न आ सके।
राज्य के मुखिया मनोहर लाल और गृहमंत्री अनिल विज किसानों के दिल्ली कूच को लेकर अलर्ट हो गए हैं। बीते दिन विधानसभा सत्र के दौरान ही गृह मंत्री अनिल विज ने पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद के साथ मीटिंग की थी। मीटिंग के बाद गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री मनोहर को पुलिस के द्वारा की जा रही तैयारियों की जानकारी दी।