समन का पालन नहीं करने पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अदालत में ययाचिका दायर की। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 7 फरवरी तय की है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में केंद्रीय एजेंसी के समन का पालन नहीं करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की है।
ईडी द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 50 के अनुपालन में गैर-उपस्थिति के लिए शिकायत मामला दर्ज किया गया है, जो समन, दस्तावेजों के उत्पादन आदि के संबंध में ईडी की शक्तियों को निर्धारित करता है।
राउज एवन्यू कोर्ट की अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा के समक्ष अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू पेश हुए और ईडी की ओर से दलीलें दीं। उन्होंने कहा ईडी ने केजरीवाल को अलग-अलग तिथियों पर पांच बार समन जारी कर पूछताछ में शामिल होने का मौका दिया है लेकिन वे हर बार समन का पालन करने में असमर्थ रहे है और जानबूझ कर जांच में सहयोग नहीं कर रहे। ऐसे में तय नियमों में केजरीवाल के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 7 फरवरी तय की है।
कथित घोटाले की जांच के सिलसिले में अलग-अलग तारीखों पर पांच समन जारी होने के बावजूद केजरीवाल ने केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश नहीं होने का फैसला किया है। इसी मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसौदिया और संजय सिंह पहले से ही हिरासत में हैं।
आप ने ईडी द्वारा जारी समन को राजनीति से प्रेरित बताया है और यह भी दावा किया है कि केंद्रीय एजेंसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने की योजना बना रही है। मनी लॉन्ड्रिंग विवादों में ईडी की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 17 अगस्त, 2022 को 2021-22 के लिए दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति में कथित अनियमितताओं के संबंध में दर्ज एक मामले से शुरू हुई है।
सीबीआई मामला 20 जुलाई, 2022 को उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा की गई शिकायत पर दर्ज किया गया था। इसके बाद ईडी ने 22 अगस्त, 2022 को आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एंगल पर मामला दर्ज किया।
ईडी के समन पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि आज तक दिल्ली और भारत के लोग केजरीवाल को भष्टाचारी केजरीवाल के रूप में जानते थे। क्योंकि उन्होंने दवा से लेकर दारू तक जिस तरह का भ्रष्टाचार किया है। अब वे कह रहे हैं कि वह भगोड़ा केजरीवाल हैं क्योंकि वही केजरीवाल जब पांच बार एजेंसी के समन को सभी प्रकार के घटिया बहाने बनाकर टाल देते हैं तो आम तौर पर कोई अन्य एजेंसी कानून का रास्ता अपनाएगी। अगली कानूनी कार्रवाई के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
ईडी के सामने नहीं पेश हुए केजरीवाल
जानकारी के लिए बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर ईडी के सामने पेश नहीं हुए। ईडी ने शुक्रवार को पेश होने के लिए समन जारी किया था। आप ने समन को गैरकानूनी बताया है।
समन पर आप पार्टी का बयान
आप का कहना है कि कानूनी रूप से सही समन की तामील की जाएगी। आप ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका मकसद केजरीवाल को गिरफ्तार कराना है। वे दिल्ली की आप सरकार को गिराना चाहते हैं। ईडी ने कथित शराब घोटाले में दो दिन पहले पांचवीं बार केजरीवाल को पेश होने के लिए समन जारी किया था। केजरीवाल ईडी के चारों समन को गैरकानूनी और अमान्य करार दे चुके हैं। इस बार उनकी जगह पार्टी ने समन पर सवाल खड़े किए।
समन पर भाजपा का केजरीवाल पर निशाना
प्रदेश भाजपा की सचिव बांसुरी स्वराज ने केजरीवाल के ईडी के समक्ष पेश न होने पर आरोपों की झड़ी लगाई। उन्होंने कहा कि जांच से नहीं जुड़ने का केजरीवाल का रवैया गैरजिम्मेदाराना है और उन्होंने ईडी के समक्ष नहीं जाने का अजीब बहाना बनाया है।
भाजपा ने आगे कहा कि अगर ईडी का समन अवैध है तो केजरीवाल कोर्ट का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाते। देश का कानून सामान्य व्यक्ति के साथ-साथ मुख्यमंत्री पर समानता से लागू होता है, इसलिए उन्हें समन अवैध या गैर-कानूनी लगने की स्थिति में कोर्ट जाना चाहिए। वहां सच्चाई सामने आ जाएगी। शराब घोटाला बड़ा है।
इस कारण सभी कोर्ट में आप के नेताओं की जमानत याचिका रद्द हो चुकी है। इस कारण मुख्यमंत्री का ईडी की जांच में जुड़ना अनिवार्य है। एक्ट के तहत भी समन जारी होने पर संबंधित व्यक्ति के लिए जांच में जुड़ना जरूरी होता है।